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संविधान निर्माण की प्रक्रिया

संविधान निर्माण की प्रक्रिया 9 दिस 1946 = इस दिन संविधान सभा की प्रथम बैठक का आयोजन दिल्ली के सेंट्रल हॉल पुस्तकालय में किया गया, इस दिन कुल 207 सदस्य उपस्थित हुए, जिनमें 10 महिलायें शामिल थी  ● संविधान सभा के प्रथम अधिवेशन मे कुल 211 सदस्यों ने भाग लिया ● संविधान सभा के सबसे वरिष्ठ सदस्य डा. सच्चिदानंद सिन्हा को संविधान सभा का अस्थाही अध्यक्ष / प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया गया, यह प्रणाली हमने फ्रांस से ग्रहण की  ● संविधान सभा की प्रथम बैठक का मुस्लिम लीग व देशी रियासतो ने बहिष्कार किया था ■ चर्चिल ने कहा कि भारत की संविधान उस विवाह के समान है जिसकी दुल्हन ही गायब है ●  इस दिन संविधान सभा के अस्थायी उप सभापति फ़ेंक ऐथानी को बनाया गया, ये आंग्ल भारतीय सदस्य थे, इन्होंने ही संविधान सभा में आंग्ल भारतीय समुदाय का प्रतिनिधित्व किया  ●  लोकसभा मे सर्वाधिक बार मनोनीत होने वाले सदस्य फ्रेंक ऐथानी थे 10 dec 1946 -  संविधान सभा के स्थाही अध्यक्ष हेतु आवेदन आमंत्रित किये गये।   11 दिस. 1946 = इस दिन संविधान सभा के स्थाई अध्यक्ष डा राजेन्द्र प्रसाद क...

संविधान निर्माण के संबंध में अंग्रेजों के प्रयास

संविधान निर्माण के संबंध में अंग्रेजो के प्रयास 1 अगस्त प्रस्ताव (1940) -  अगेज अधिकारी लार्ड लिनलिथगो के द्वारा इस प्रस्ताव के माध्यम से बताया गया कि भारत मे एक संविधान सभा का गठन कर दिया जायेगा, लेकिन द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति के पश्चात, इसके बदले में भारतीयों को द्वितीय विश्व युद्ध में ब्रिटेन की मदद करनी होगी ● भारतीयों ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया  ● पंडित नेहरू ने इस प्रस्ताव को "दरवाजे में लगी जंग की कील" के समान बताया 2 क्रिप्स प्रस्ताव (1942)- स्टेफर्ड क्रिप्स के इस प्रस्ताव के माध्यम से भी ये प्रावधान किया गया कि भारत मे एक संविधान सभा का गठन तो किया जायेगा, लेकिन द्वितीय विश्व युद की समाप्ति के पश्चात, इस प्रस्ताव मे प्रावधान था कि भारत को एक ड्रोमिनियन स्टेट (अधि-राज्य) बनाया जायेगा ● महात्मा गांधी ने इस प्रस्ताव को " पोस्ट डेटेड चेक"कहा ■ द्वितीय विश्वयुद्ध की समाप्ति के प्रश्चात ब्रिटेन के नये प्रधानमंत्री क्लिमेट एटली बने जो लेबर पार्टी से संबंधित थे, एटली ने भारत के संविधान निर्माण हेतु एक मिशन को भारत भेजा जिसे कैबिनेट मिशन कहा गया 3 कै...

संविधान निर्माण में भारतीय प्रयास

संविधान निर्माण के संबंध में भारतीय प्रयास -  1 बाल गंगाधर तिलक ने बम्बई मे स्वराज विधेयक के समय सर्वप्रथम संविधान के निर्माण की मांग की (1895)  2 मदन मोहन मालवीय ने भारतीयों के लिए आत्म निर्णय की मांग की (1918) 3 महात्मा गांधी ने कहा कि भारत के लोगों का राजनीतिक भविष्य स्वयं भारतीयों द्वारा निर्धारित किया जायेगा (1922) 4 तेज बहादुर सपू ने भारतीयों के लिए संविधान निर्माण की मांग की। (1924) 5 अग्रेज अधिकारी बक्रेन हेड ने भारतीय लोगो को चुनौती दी की आप संविधान का निर्माण कर ले, लेकिन कांग्रेस एंव मुस्लिम लीग दोनो के द्वारा इसे स्वीकार किया जाना अनिर्वाय है 6 1928 मे मोतीलाल नेहरू ने "नेहरूरिपोर्ट" तैयार की जो भारत के संविधान निर्माण में प्रथम प्रयास था 7 मुस्लिम लीग ने नेहरू रिपोर्ट को अस्वीकार कर दिया एवं मोहम्मद अली जिन्ना ने नेहरू रिपोर्ट के विरोध में 14 सूत्री मांग पत्र जारी किया (1929) 8 1934 मे मानवेन्द्र नाथ राय (M.N राय) ने व्यक्तिगत रूप से संविधान निर्माण की मांग की 9 कांग्रेस ने अपने फेजपुर अधिवेशन मे संविधान सभा के गठन की मांग की 10 एक पार्टी या दल के रूप मे संविधान...

संविधान और उसकी शब्दावली

संविधान - किसी भी देश की शासन व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित नियंत्रित एवं संगठित करने हेतु लिखित एवं अलिखित कानूनों को जो समूह होता है, उसे संविधान कहते है ■ संविधान एक भौतिक वस्तु है, इसलिए संविधान का एक प्रतिनिधि होता है, जो राष्ट्राध्यक्ष होता है जो-  1 निर्वाचित ( गणतंत्र + लोकतंत्र) होता है, जैसे - भारत - (राष्ट्रपति) 2 वंशानुगत ( राजतंत्र + लोकतंत्र ) होता है, जैसे - ब्रिटेन (राजा/रानी) ●लोकतंत्र - वह शासन प्रणाली जिसमें जनता की भागीदारी हो,   1 प्रत्यक्ष - राइट टू रिकॉल, जनमत संग्रह , वापिस बुलाने की शक्ति 2 अप्रत्यक्ष- जनता अपने शासन की शक्तियां चुने हुए जनप्रतिनिधियों को सौप देती है जन-प्रतिनिधि इन शक्तियों का प्रयोग करते है ● अध्यक्षात्मक शासन प्रणाली - कार्यपालिका एवं व्यवस्थापिक में सामजस्य नहीं होता (शक्ति पृथक्करण का सिद्धांत प्रभावी) जैसे - अमेरिका ● संसदीय शासन प्रणाली -  कार्यपालिका एवं व्यवस्थापिका मे सांमजस्य जैसे- भारत एंव ब्रिटेन शासन के अंग-  ● अनु 52 ● भाग 5 संघ-सरकार ● शासन के तीन अंग होते हैं 1 कार्यपालिका (अनु - 52-78) - ● राष्ट्र...

व्यक्तित्व मापन की अप्रक्षेपी विधि

अप्रक्षेपी विधि - आत्मनिष्ठ विधियां/व्यक्तिनिष्ठ विधियां  - 1 अन्तःदर्शन विधि  -  ● यह एक प्राचीनतम विधि है   ● इसके प्रवर्तक विलियम वुन्ट व टीचनर है ● एक व्यक्ति के द्वारा स्वयं की क्रियाओं का अध्ययन करना ही अन्तःदर्शन कहलाता है 2 प्रश्नावली विधि - ● इस   विधि के आदि जनक सुकरात माने जाते हैं  ● मनोविज्ञान में इस विधि का सर्वप्रथम प्रयोग वुडवर्थ ने किया उन्होंने 1918 में प्रश्नावली की पहली अनुसूची का निर्माण किया इसके अंतर्गत 116 प्रसन्न थे  ● प्रश्नावली विधि साक्षात्कार का औपचारिक एवं लिखित रूप है अतः इस विधि को कागज पेंसिल विधि के नाम से भी जानते हैं  प्रश्नावली के प्रकार 1 बंद प्रश्नावली - हां / ना में विकल्प का चयन करना 2 खुली प्रश्नावली- उत्तर विस्तार पूर्वक या स्वतंत्रता पूर्वक लिखना  3- चित्रित प्रश्नावली -  चित्रों के माध्यम से पूछे गए प्रश्नों के उत्तर देना 4 मिश्रित प्रश्नावली - उपरोक्त सभी का मिलाजुला प्रयोग ■ MPI - मोडस्ले व्यक्तित्व प्रश्नावली (  निर्माण- आइजेंक ) ■ EPPS - एडवर्ड व्यक्तित्व प्राथमिकता मापनी ( निर्...

व्यक्तित्व का मापन

व्यक्तित्व का मापन  - व्यक्तित्व का मापन अप्रक्षेपी विधि व प्रक्षेपी विधि के द्वारा किया जाता है 1 अप्रक्षेपी विधि. -  इसमें  व्यक्ति के चेतन मन का अध्ययन किया जाता है 2 प्रक्षेपी विधि -  इसमें अचेतन मन का अध्ययन किया जाता है, इसमें व्यक्ति मानसिक क्रिया द्वारा उत्तर देता है  ◆ प्रक्षेपण शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग सिगमंड फ्रायड ने किया  ◆ प्रक्षेपण का अर्थ अपनी बात, भावनाओं, अनुभवों आदि को स्वयं ना बता कर किसी उद्दीपक के माध्यम से अभिव्यक्त करना प्रक्षेपण कहलाता है इसमे  व्यक्तित्व संबंधी उन बिंदुओं की जानकारी मिलती है जिसके बारे में व्यक्ति खुद नहीं जानता है प्रक्षेपी विधियां 1 T.A.T - thematic appreciation test    प्रतिपादक - मोर्गन व मुर्रे ने 1935 में ● इसमें कुल 31 कार्ड होते हैं जिनमें 30 कार्ड पर चित्र होता है होते हैं जबकि एक कार्ड खाली होता है  ● 10 कार्ड पर पुरुषों के चित्र  ● 10 कार्ड पर स्त्रियों के चित्र  ● 10 कार्ड पर दोनों से संबंधित चित्र ★ इस विधि का प्रयोग करते समय कुल 20 कार्डो का प्रयोग किया जाता है, जिन...

भाषा शिक्षण की व्याकरणीय विधियां

  1 अनुकरण विधि  - जब एक बालक पहली बार भाषा सीखने की शुरुआत करता है तो वह शिक्षक के कार्यो का अनुकरण करते हुए सीखता है अनुकरण तीन प्रकार का होता  है 1 लेखन अनुकरण  - जब एक शिक्षक बालक को लिखना सिखाता है तो उसके लिए वह अपने कार्यों का अनुकरण बालक से करवाता है अनुकरण करते हुए बालक लिखना सीखता है  ■ लेखन अनुकरण भी दो प्रकार का होता है  (A) रूपरेखा लेखन अनुकरण - जब एक शिक्षक बालक के सामने किसी वर्ण शब्द या अंक की रूपरेखा बनाकर दे देता है और वह बालक उस रूपरेखा के आधार पर वास्तविक वर्ण या शब्द की रचना कर लेता है  (B) स्वतंत्र लेखन अनुकरण  - जब एक शिक्षक के सामने किसी वर्णमाला गिनती शब्दों को एक साथ लिख देता है और कक्षा कक्ष में बैठे हुए बालक स्वतंत्र रूप से उसे देखते हुए लिखने का प्रयास करता है 2 उच्चारण अनुकरण  - जब बालक को लिखना आ जाता है तो उसकी अगली आवश्यकता लिखित विषय वस्तु को बोलने या उच्चारित करने की होती है इसके लिए शिक्षक पहले स्वयं उच्चारण करता है और फिर बालक उसके साथ साथ उच्चारण करने लगता है पूर्व प्राथमिक कक्षाओं के लिए प्रत्येक विद्याल...

व्यक्तित्व के सिद्धांत

1आलपोर्ट का शीलगुण सिद्धांत  वह गुण जिसके माध्यम से व्यक्तित्व का निर्धारण होता है शीलगुण कहलाते हैं  ◆ ऑलपोर्ट ने शील गुणों की संख्या 2 बताई  1 सामान्य शीलगुण-   ऐसे शीलगुण जो किसी समाज, संस्कृति में सभी लोगों में पाए जाते हैं  2 व्यक्तिगत शीलगुण - ये शीलगुण समाज, संस्कृति के व्यक्ति विशेष तक ही सीमित होते हैं  ★ व्यक्तिगत शीलगुण के तीन भाग होते हैं  A केंद्रीय प्रवृत्ति के - यह गुण व्यक्ति के व्यवहार में सदैव उपस्थित रहते हैं  उदाहरण - सहयोग, आत्मप्रेम, आत्मविश्वास B कार्डिनल शीलगुण   - यह शीलगण इतने प्रबल होते हैं कि व्यक्ति चाह कर भी नहीं छुपा नहीं सकता  ◆ इन्हीं शील गुणों के माध्यम से व्यक्ति अपने जीवन में सर्वाधिक प्रतिष्ठा प्राप्त करता है  उदाहरण - महात्मा गांधी अहिंसा, हिटलर में आक्रामकता C गौण प्रवृत्ति के शील गुण  - वह गुण जो व्यक्ति के व्यवहारिक जीवन में एक ही बार प्रकट होते हैं उनकी पुनरावृति की संभावना नहीं होती  उदाहरण - विश्वास 2 कैटल का शीलगुण सिद्धांत-    कैटल ने शील गुणों को दो भागों ...

व्यक्तित्व का वर्गीकरण

  क्रेशमर का वर्गीकरण -  शारीरिक संरचना के आधार पर चार प्रकार बताएं 1 एथलेटिक  -  ● लंबा-चौड़ा शरीर  ● खिलाड़ी प्रवृत्ति  ● उद्देश्य केंद्रित  ● सुडोलकाय व्यक्तित्व 2 एस्थेनिक  -  ● दुबला- पतला शरीर  ● चिड़चिड़ा स्वभाव ★ चित प्रवृत्ति - सिज़ोआड 3 स्थूलकाय (पिकनिक )-   ● कद छोटा  ● भारी-भरकम शरीर  ● खाने-पीने के शौकीन  ★ चित प्रवृत्ति - साइकलोआड 4 डिस्प्लास्टिक - उपयुक्त तीनों प्रकार की मिली-जुली विशेषताएं शेल्डन का वर्गीकरण - शारीरिक संरचना के आधार पर तीन प्रकार बताएं  1 एक्टोमॉर्फिक -   ◆ दुबले पतले  ◆  लंबा शरीर   ◆  एकांत प्रिय  ★ चित प्रवृत्ति - सेरिब्रोटोनिया 2 एंडोमॉर्फिक -  ◆ भारी भरकम शरीर  ◆ खाने-पीने के शौकीन   ◆ हंसमुख  ★ चित प्रवृत्ति-  विसेरोटोनिया 3 मीसोमॉर्फिक  -  ◆ लंबा चौड़ा शरीर  ◆ गठीला बदन   ◆व्यायाम प्रिय ★ चित्र प्रवृत्ति - सोमेटोटोनिया   स्प्रेन्गर का वर्गीकरण - समाजशास्त्रीय आधार पर छ...

व्यक्तित्व

  व्यक्तित्व शब्द अंग्रेजी भाषा के persanlity शब्द का हिंदी रूपांतरण है जिसकी उत्पत्ति लेटिन भाषा के persona शब्द से हुई है जिसका शाब्दिक अर्थ है नकली चेहरा या मुखौटा  ● एक दूसरे को प्रभावित करने की योग्यता व्यक्तित्व कहलाती है  ◆ व्यक्तित्व में व्यक्ति के शारीरिक एवं मानसिक दोनों गुणों को शामिल किया जाता है  आलपोर्ट के अनुसार  - व्यक्तित्व व्यक्ति के मनोदैहिक गुणों का वह गत्यात्मक संगठन है जिसमें व्यक्ति अपने वातावरण के साथ अपूर्व समायोजन स्थापित करता है  वुडवर्थ के अनुसार - व्यक्तित्व व्यक्ति के द्वारा किए जाने वाले व्यवहार के समस्त गुणों का योग है  वैलेंटाइन के अनुसार  - व्यक्तित्व व्यक्ति की जन्मजात व अर्जित शक्तियों का योग है बोरिंग के अनुसार  - व्यक्तित्व व्यक्ति के वातावरण के साथ समायोजन की प्रक्रिया है  वाटसन के अनुसार -  हम जो कुछ भी करते हैं वही हमारा व्यक्तित्व है   मन के अनुसार  - व्यक्तित्व एक व्यक्ति के संगठन विवाह के तरीके रुचियों, दृष्टिकोणो, क्षमताओं और तरीकों का सबसे विशिष्ट संगठन है  व्यक्तित्व के...

Psychology unit 5

शिक्षण अधिगम प्रक्रिया  ◆ शिक्षण का अर्थ बालक को शिक्षक के द्वारा विभिन्न विषयों का अधिगम करवाना  ■ शिक्षण व अधिगम में गहरा संबंध है संकुचित अर्थ में - निश्चित समय में निश्चित स्थान पर निश्चित शिक्षण विधियों द्वारा बालक को पूर्व नियोजित ढंग से शिक्षण प्रदान करना  ◆ इस प्रक्रिया में शिक्षक का स्थान महत्वपूर्ण है शिक्षण के व्यापक अर्थ में -  औपचारिक तथा अनौपचारिक दोनों साधनों का प्रयोग सम्मिलित है ■ शिक्षा शब्द अंग्रेजी भाषा के एजुकेशन शब्द का हिंदी रूपांतरण है ◆  एजुकेशन शब्द लेटिन भाषा के एजुकेटम शब्द से निकला है यह दो शब्दों से मिलकर बना है ई और ड्यूको, ई का अर्थ है अंदर से तथा ड्यूको का अर्थ है आगे बढ़ना ★ इस प्रकार शाब्दिक रूप से एजुकेटम का अर्थ है अंदर से बाहर की ओर बढ़ना अथार्थ शिक्षा व्यक्ति की आंतरिक शक्तियों को विकसित करने की प्रक्रिया है रॉबर्ट गेने के अनुसार - शिक्षण का तात्पर्य अधिगम की दशा को व्यवस्थित करना जोकि अधिगम अधिगमकर्ता की बह्ययता से संबंधित है बर्ट के अनुसार - शिक्षण अधिगम हेतु प...