हिंदी शिक्षण विधियां आगमन निगमन विधि

 10 आगमन विधि जब एक शिक्षक उदाहरण के सहयोग से किसी नियम तक पहुंचता है तो वह सकारात्मक  सूत्रों का प्रयोग लेता है,  इसे ही आगमन उपागम कहते हैं

◆ इस उपागम में ज्ञात से अज्ञात की ओर, विशिष्ट से सामान्य की ओर, स्थूल से सूक्ष्म की ओर, विश्लेषण से संश्लेषण की ओर सूत्रों का उपयोग किया जाता है

आगमन विधि के चरण 

◆ उदाहरण प्रस्तुतीकरण

◆ निरीक्षण/ तुलना 

◆ सामान्यीकरण

● सत्यापन

 आगमन विधि के गुण

● यह मनोवैज्ञानिक विधि है

● इस विधि से प्राप्त ज्ञान स्थाई होता है

● यह विधि तर्क व चिंतन का विकास करती है

● समस्या समाधान के गुणों का विकास करती है

● प्रारंभिक कक्षाओं के बालकों के लिए विशेष रूचिकर विधि है

● इस विधि में शिक्षक व छात्र दोनों क्रियाशील रहते हैं

● यह विधि बालकों में खोजी प्रवृत्ति का विकास करती है

आगमन विधि के दोष

● समय अधिक खर्च होता है

● पाठ्यक्रम समय पर पूरा नहीं हो पाता है

● प्रतिभाशाली बालकों में उस कक्षा के बालकों में नीरसता पैदा करती है

● अध्यापक को उदाहरण देने की कला में प्रवीण होना अत्यावश्यक है

● किसी निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए काफी उदाहरण देने पड़ते हैं

● नियमों में पूर्ण सत्यता नहीं होती

11 निगमन विधि - जब एक शिक्षक शिक्षण कार्य करते समय पहले से स्थापित किसी नियम व सूत्र का उपयोग करते हुए किसी उदाहरण को कम समय में स्पष्ट कर देता है तो वह निगमन उपागम होता है 

◆ निगमन के समय नकारात्मक सूत्र प्रभावी रहते हैं 

◆ इस विधि में पहले नियम रखा जाता है फिर उदाहरणों से उसकी पुष्टि की जाती है

 ◆ इस विधि में छात्रों को नियम बता दिए जाते हैं तथा वे उन्हें रट लेते हैं

निगमन विधि के चरण -

1 नियम या सिद्धांत का ज्ञान 

2 नियम या सिद्धांत का प्रयोग 

3 आंकड़ों के आधार पर परीक्षण 

4 सत्यापन

निगमन विधि के गुण

● पाठ्यक्रम समय पर पूर्ण होता है

●  नियमों से व्याकरणीय ज्ञान शीघ्रता से प्राप्त हो जाता है

● समस्या समाधान में समय कम खर्च होता है

● प्रतिभाशाली बालकों की रूचि कर भी दी है

● यह विधि संक्षिप्त होने के साथ व्यवहारिक विधि है

● सामान्य शिक्षक भी इस विधि में शिक्षण सफलतापूर्वक करता है

● इस विधि का प्रयोग करने से क्रमबद्ध ज्ञान प्राप्त होता है

निगमन विधि के दोष

● छोटे स्तर के बालकों के लिए यह विधि अनुपयुक्त है

● अमनोवैज्ञानिक विधि है

● यह विधि रटने की प्रवृत्ति पर बल देती है

◆ इस विधि से प्राप्त ज्ञान अस्थाई होता है

◆ इस विधि के प्रयोग से बालक में आत्मनिर्भरता व  आत्मविश्वास उत्पन्न नहीं होता 

◆ यह बालकों के तर्क, विचार एवं निर्णय करने की शक्ति के विकास में सहायक नहीं है

12 आगमन-निगमन विधि - 

◆ शिक्षक व्याकरण पढ़ाते समय आगमन और निगमन दोनों विधियों को एक साथ प्रयोग करता है तो वह आगमन-निगमन विधि कहलाती है 

◆ इस विधि में शिक्षक पहले उदाहरण प्रस्तुत करता है और फिर छात्रों से नियम बनवाता है 

◆ शिक्षक नियम को सिद्ध करने हेतु अनेक उदाहरण भी प्रस्तुत करता है




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