अधिगम के कौशल

अधिगम के कौशल- बालक में सीखने की योग्यता का विकास वातावरण व उसके अभ्यास पर निर्भर करता है 

सीखने की योग्यता बालक में व्यवहार परिवर्तन निर्धारित करती है 
★ बालक में सीखने हेतु 4 अवयव माने जाते हैं 
  1 सुनकर 2  बोलकर 3 पढ़कर  4 लिखकर 

■ सीखने के अवयवों में दक्षता लाना ही अधिगम के कौशल है 

कौशलों की संख्या 4 है - 
   सुनना ---  बोलना --- पढ़ना --- लिखना 

■ एक बालक में इनका विकास क्रम- 
    सुनना - बोलना -पढ़ना -लिखना 

मनोवैज्ञानिक क्रम= सुनना -बोलना- पढ़ना- लिखना 

फ्रोबेल महोदय के अनुसार = 
सुनना - बोलना - पढ़ना - लिखना

साहचर्य विधि के प्रवर्तक महोदया मारिया मोंटेसरी के अनुसार = 
 सुनना - बोलना - लिखना - पढ़ना (अंतिम दो का क्रम बदल दिया)  और कहा कि बालक को लिखने से पहले पढ़ना सिखाना मुद्रण पर भोकने के समान है

★ बोलना कौशल, सुनना कौशल पर निर्भर करता है

★ लिखना कौशल, पढ़ना कौशल पर निर्भर करता है 

★ सुनना व बोलना कौशल का संबंध मौखिक रूप से होता है 

★ पढ़ना व लिखना कौशल का संबंध लिखित रूप से होता है 

 ■ सुनना व बोलना कौशल अमूर्त होते हैं 
 
 ■ पढ़ना  व लिखना कौशल मूर्त माने जाते हैं
 
◆ सुनना व पढ़ना कौशल का संबंध भाव ग्रहण करने से होता है 

◆ बोलना व लिखना कौशल का संबंध भावाव्यक्ति से होता है
 
■ सुनना की तुलना में बोलना, बोलना की तुलना में पढ़ना, पढ़ना की तुलना में लिखना क्रमशः कठिन होते हैं अतः सबसे सरल कौशल सुनना और सबसे कठिन कौशल लिखना होता है 

■ इन सभी कौशलों में सर्वाधिक महत्वपूर्ण कौशल पढ़ना कौशल होता है क्योंकि पठन द्वारा प्राप्त ज्ञान ज्यादा स्थाई रहता है 

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