क्षेत्रवाद के अनुसार अधिगम के सिद्धांत
6सामाजिक विकास सिद्धांत= प्रवर्तक अल्बर्ट बंडूरा
◆ समाजवादी मनोवैज्ञानिक
● सामाजिक विकास के जनक
■ समाज द्वारा मान्य व्यवहार को स्वीकार कर एवं अमान्य
व्यवहार को त्यागना सामाजिक विकास कहलाता है
★ बांडूरा के अनुसार बालक अनुकरण या नकल के माध्यम से सीखता है
★ बांडूरा के अनुसार जब बालकों के सम्मुख कुछ ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न हो जाती है और उन्हें यह ज्ञात नहीं हो पाता कि उन्हें क्या करना है तब बालक अपने आसपास का अवलोकन कर अन्य लोगों को देखकर वैसा ही कार्य करने लगता है इस कारण प्रोज्य सिद्धान्त के नाम से जाना जाता है
■ बंडूरा ने अपने सिद्धांत का प्रतिपादन करने हेतु जीवित जोकर एवं गुड़िया का प्रयोग किया
■ बंडूरा ने अपने सिद्धांत का प्रतिपादन करने हेतु 4 सोपान बताएं -
1 अवधान - ध्यान केंद्रित करना
2 धारण - ग्रहण करना
3 पुनः प्रस्तुतीकरण- बार बार दोहरान करना
4 पुनर्बलन- त्रुटियो में सुधार करना
■ जिसको देखकर बालक व्यवहार करना सीखता है उसे प्रतिमान मॉडल कहते हैं
★ बांडूरा ने अपने सिद्धांत का प्रतिपादन करने के लिए जीवित गुड़िया ओर जीवित जोकर पर प्रयोग किया
(बोबो डॉल प्रयोग)
शैक्षिक महत्व
◆ अनुकरण द्वारा सीखने पर बल
◆ बालकों में सामाजिक गुणों के विकास में सहायक
◆ बालकों में अपनी सभ्यता संस्कृति का स्थानांतरण करने में सहायक
◆ किसी मॉडल के कार्यों के आधार पर सीखने हेतु प्रेरित करना
◆ वीर पुरुषों की जीवनियो के परिचय कराने में सहायक
7 क्षेत्रवादी/ तल रूप सिद्धांत=
प्रतिपादक - कर्ट लेविन (क्षेत्रवाद के जनक) (रसायन शास्त्री)
■ लेविन ने बालकों को सिखाने के लिए दो तत्वों पर बल दिया
1 अभिप्रेरणा
2 वातावरण
■ सिद्धांत के अनुसार अधिगम व्यक्ति व वातावरण की अंतः क्रिया का प्रतिफल है इसलिए इसे निम्न सूत्र द्वारा समझाया गया है
★ लेविन ने अपने सिद्धांत में निम्न सूत्र का प्रतिपादन किया -
L = F (P × E)
L- learning, f- factor,
p- person, E - enviornment
◆ लेविन ने अपने सिद्धांत का प्रतिपादन करने हेतु 4 सोपान बताएं
1 आकर्षक उद्देश्य
2 आकांक्षा का स्तर
3 स्मृति एवं गति
4 पुरस्कार एवं दंड
टोपोलॉजी - गणित का शब्द जो मनुष्य के जीवन में होने वाले परिवर्तनों को व्यक्त करता है
8 आवश्यकता पदानुक्रमिक सिद्धांत = प्रतिपादक - अब्राहम मैस्लो
★ मैस्लो के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति अपनी आवश्यकता पूर्ति हेतु अनुक्रिया करता है तथा जिस तत्व से आवश्यकता की पूर्ति होती है उस तत्व को सीख लेता है तथा व्यक्ति की आवश्यकताएं कभी समाप्त नहीं होती अतः सीखने की प्रक्रिया भी कभी समाप्त नहीं होती
■ मैस्लो के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति अपनी आवश्यकता की पूर्ति निश्चित पदक्रम में करता है तथा जब तक व्यक्ति की प्रथम आवश्यकता की पूर्ति नहीं होती तब तक व्यक्ति अपनी दूसरी आवश्यकता के बारे में विचार तक नहीं करता
★ मैस्लो ने अपने सिद्धांत में व्यक्ति की मूलभूत आवश्यकताओं को 5 भागों में विभाजित किया
5 - आत्म सिद्धि
4 - सम्मान
3- संबंध
2 - सुरक्षा
1- शारीरिक
1+ 2 व्यक्तिगत आवश्यकता (निम्न स्तरीय)
3+4 सामाजिक आवश्यकता
5 विशिष्ट आवश्यकता
अब्राहम मैस्लो के अनुसार व्यक्ति सर्वप्रथम निम्न स्तरीय आवश्यकताओं की पूर्ति करने के बाद उच्च आवश्यकताओं की पूर्ति करता है
9 अनुभवजन्य सिद्धांत - प्रतिपादक कार्ल रोजर्स
★रोजर्स के अनुसार बालकों को उनकी किसी भी प्रकार की विषय वस्तु को सीखने से पूर्व विषय वस्तु को बालकों के प्रत्यक्ष अनुभव पर आधारित करके सिखाया जाना चाहिए क्योंकि बालक प्रत्यक्ष अनुभव द्वारा सर्वाधिक सीखते हैं ब्र
■ रोजर्स के अनुसार के अनुसार बालकों को परंपरागत शिक्षण विधियों के स्थान पर नवीन शिक्षण विधियों द्वारा सिखाया जाना चाहिए
उदाहरण - व्याख्यान विधि के स्थान पर भ्रमण विधि का प्रयोग
■ एडगर डेल ने रोजर्स के सिद्धांत के समर्थन में लिखा कि बालक प्रत्यक्ष अनुभव द्वारा सर्वाधिक सीखता है
■ एडगर डेल के अनुसार बालकों के प्रत्यक्ष अनुभव द्वारा सीखने का प्रतिशत 70% होता है जबकि शब्दों के द्वारा सीखने का प्रतिशत मात्र 30% होता है
■ एडगर डेल ने प्रत्यक्ष अनुभव द्वारा सीखने की प्रक्रिया का प्रतिपादन करने हेतु एक अनुभवजन्य शंकु का प्रतिपादन किया
■एडगर डेल का अनुभवजन्य शंकु नकारात्मक अधिगम प्रक्रिया को प्रकट करता है
10 चिन्ह पूर्णकार का सिद्धांत = प्रतिपादक - टोलमैन
■ टोलमैन के अनुसार बालकों को केवल शब्दों के माध्यम से ही नहीं सिखाया जा सकता उन्हें चित्र, चिन्ह एवं संकेतों के माध्यम से भी सिखाया जा सकता है
■टोलमैन के अनुसार मूकबधिर बालकों को सिखाने का यह अधिगम का सर्वश्रेष्ठ सिद्धांत है
★ अधिगम के इस सिद्धांत में बालकों को सिखाने के लिए संकेतिक भाषा के प्रयोग पर सर्वाधिक बल दिया गया
■ टोलमैन के अनुसार बालकों को सिखाने हेतु शारीरिक हावभाव मुखाकृति ओष्ठ विधि, चित्रांकन जैसी विषय वस्तु का प्रयोग किया गया
11 अधिगम सोपानकी सिद्धांत
प्रतिपादक - रॉबर्ट गेंने
■ अधिगम के 8 प्रकार बताएं
8 समस्या समाधान अधिगम (उच्च स्तर)
7 सिद्धांत अधिगम
6 प्रत्यय अधिगम
5 Vivek अधिगम
4 शाब्दिक अधिगम
3 श्रंखला अधिगम
2 उद्दीपक अधिगम
1 संकेत अधिगम (निम्न स्तर)
12 अर्थपूर्ण शाब्दिक अधिगम सिद्धांत-
प्रतिपादक - आसुबेल
■आसुबेल ने अधिगम के चार प्रकार बताएं
1 रटकर सीखना
2 अर्थपूर्ण सीखना - समझ कर सीखना
3 अभिग्रहण सीखना- धारण करना
4 अन्वेषण सीखना- खोज कर समस्या समाधान करना
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