सृजनशील बालक


सृजनशील बालक- जो बालक स्वयं की प्रेरणा तथा नये विचारों भावनाओ के साथ मौलिक कार्यों को करने की क्षमता जिन बालको में पाई जाती है, सृजनशील बालक कहलाते है

सृजनशील बालको की पहचान
◆ अन्य बालको की अपेक्षा अधिक कुशल
◆ इन की IQ उच्च होती है
◆ समायोजन तथा जोखिम उठाने वाले
◆ इनका व्यक्तित्व जटिल होता है
◆ बहिर्मुखी व्यक्तित्व

सृजनात्मक बालको की विशेषता 
◆ कल्पनाशीलता की प्रधानता
◆ मौलिकता का गुण
◆ संवेदनशीलता
◆ नमनीयता/ लोचशीलता
◆ विस्तारण
◆ समस्या समाधान की योग्यता
◆ कार्य मे निष्ठा
◆ जोखिम उठाने का उत्सुक
◆ उच्च ग्रहण क्षमता
◆ उच्च निर्णय क्षमता
◆ संवेगो मे स्थिरता



सृजनात्मकता-  किसी परंपरागत वस्तु में नवीन विशेषता उत्पन्न करने की मौलिक प्रक्रिया सृजनात्मकता क्या लाती है 

● सृजनात्मकता में नवीन वस्तुओं का निर्माण तो होता ही है किंतु पुरानी वस्तुओं के मौलिक गुण नष्ट नहीं होते 

◆ सृजनात्मकता अंग्रेजी के क्रिएटिविटी शब्द का हिंदी रूपांतरण है जिसकी उत्पत्ति creat शब्द से मानी जाती है जिसका शाब्दिक अर्थ पैदा करना से होता है

● क्रो एंड क्रो के अनुसार-  सृजनात्मकता मौलिक परिणामों को व्यक्त करने की मानसिक प्रक्रिया है 

◆ जेम्स ड्रेवर के अनुसार - सृजनात्मकता का संबंध नवीन वस्तु के उत्पादन से होता है 

◆ गिलफोर्ड के अनुसार -  सृजनात्मकता का संबंध नवीन उत्पाद उत्पादन उत्पादकता से होता है

■  टोरेंस के अनुसार - सृजनात्मकता ऐसी घटना है जिससे व्यक्ति एक नवीन संप्रत्यय का निर्माण करता है 

सृजनात्मकता का स्वरूप
●  सृजनात्मकता जन्मजात व अर्जित दोनों प्रकार की होती है 
● सृजनात्मकता में विविधता का गुण निहित होता है 
● सृजनात्मकता सार्वभौमिक होती है 
● सृजनात्मकता बुद्धि से भिन्न होती है


 नोट- सृजनात्मकता और बुद्धि में सकारात्मक संबंध है क्योंकि प्रतिभाशाली बालक कभी सृजनात्मक बालक नहीं हो सकता किंतु एक सृजनात्मक बालक प्रतिभाशाली हो सकता है 

■ सृजनात्मकता का संबंध अपसारी चिंतन से होता है 


■ सृजनात्मकता का उदय बालकों में बाल्यावस्था में ही उत्पन्न हो जाता है (30 वर्ष तक चरम सीमा)

 ★सृजनात्मकता में निरंतरता पाई जाती है 

सृजनात्मकता के तत्व 

1  धाराप्रवाह-  किसी परिस्थिति में व्यक्ति के द्वारा बिना रुकावट बोलना 

2 लोचशीलता - किसी विषय को विभिन्न आयामों से प्रकट करना 

3 मौलिकता-  किसी विषय वस्तु पर स्वयं के नए विचार 

4 संवेदनशीलता - प्रत्येक वस्तु के गुण दोषों की व्याख्या कर वास्तविक स्वरूप को स्वीकार करना

5 विस्तारण - विस्तृत व्याख्या करना

सृजनात्मकता के सोपान
1 मन के अनुसार -
तैयारी --- इनक्यूबेशन ---- सहज बोध ----- पुनरावृति

2 हरबर्ट के अनुसार- 
विश्लेषण  --- इनक्यूबेशन --- प्रेरणा --- सत्यापन

3 रॉबिंसन के अनुसार-
तैयारी --- इनक्यूबेशन --- प्रेरणा ---  सत्यापन

सृजनात्मकता के तत्व
गिलफोर्ड के अनुसार - 5
1 संज्ञान 
2 स्मरण 
3 अपसारी चिंतन 
4 अभिसारी चिंतन
 5 मूल्यांकन

बाकर मेहंदी के अनुसार
1 मौलिकता 
2 प्रवाहिकता
3 लचीलापन

सृजनात्मकता का मापन 
■ सृजनात्मकता का मापन किया जा सकता है 

■ सृजनात्मकता के मापन का प्रमुख प्रयास गिलफोर्ड ने किया 

■ भारत में बी के पासी के द्वारा 1972 में स्कूल बालकों की सृजनात्मकता का मापन करने के लिए सृजनात्मक परीक्षण बनाया गया 

■ 1973 में बाकर मेहंदी के द्वारा सृजनात्मक चिंतन की परीक्षण श्रंखला में दो परीक्षणों का निर्माण किया गया यह परीक्षण लचीलापन, मौलिकता, धारा प्रवाहिकता,  विस्तारण का मापन करते हैं

■ सृजनात्मकता का मापन अपसारी चिंतन पर आधारित है

■ टोरेंस ने शाब्दिक और अशाब्दिक परीक्षणों का निर्माण किया इन परीक्षणों के माध्यम से निरंतरता, नवीनता , मौलिकता को मापने का प्रयास किया जाए गया है प्रत्येक परीक्षण की समय अवधी 10 मिनट होती है

■ हिंदी में निर्मित परीक्षणों में सबसे अधिक प्रचलित परीक्षण बाकर मेहंदी का है इस परीक्षण को निर्देश देने में अनुकया करने में 50 मिनट का समय लगता है

■ बाकर मेहंदी के चार शाब्दिक और दो अशाब्दिक परीक्षण है इन परीक्षणों में नमनीयता, मौलिकता, धारा प्रवाहिता, कल्पनाशीलता के आधार पर अंक देखकर पर प्राप्तांक प्राप्त किए जाते हैं

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