भाषाई विकास सिद्धांत

भाषाई विकास सिद्धांतप्रतिपादक नॉम चामोस्की

 चामोस्की एक भाषाविद थे, इन्हें भाषाई विकास का जनक माना जाता है
■ अपने विचारों का आदान प्रदान करने की प्रक्रिया भाषा कहलाती है 
 चामोस्की के अनुसार भाषा 2 प्रकार  की होती है 
1 प्राथमिक/मातृभाषा - जिस भाषा को बालक बोलना प्रारंभ करता है तथा जिसमें व्याकरण के नियमों की आवश्यकता नहीं होती, उसे मातृभाषा या प्राथमिक भाषा कहते हैं

 2 द्वितीयक भाषा- जिस भाषा को सीखने में व्याकरण के नियमों की आवश्यकता हो, उसे द्वितीयक भाषा कहते हैं

★ चामोस्की के अनुसार बालक वातावरण में जिस भाषा को सुनता है व्याकरण की दृष्टि से उसे ही सीख लेता है, बालक को  भाषाई ज्ञान सिखाया नहीं जा सकता, क्योंकि उसमें भाषा सीखने की जन्मजात मूल प्रवृत्ति पाई जाती है जिसे चामोस्की ने LED नाम दिया
 ◆भाषा सीखने की प्रक्रिया को जेनरेटिक ग्रामर थ्योरी के नाम से जाना जाता है
 चामोस्की ने भाषा विकास की दो अवस्थाएं बताई-
     1प्रारंभिक अवस्था 
     2 वास्तविक अवस्था

★ क्रंदन बालक की प्रथम भाषा मानी जाती है

 आयु                शब्द भंडार
18 माह      -       10 शब्द
2 वर्ष         -        272 शब्द
3 वर्ष         -        1000 शब्द
4 वर्ष         -        1600 शब्द
5 वर्ष         -        2100 शब्द
10 वर्ष       -        5000 शब्द
18 वर्ष       -        80000 शब्द

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