बाल विकास की अवस्थाएं - शैशवावस्था

 शैशवावस्था : 0-2/0-5 वर्ष

बाल विकास की महत्वपूर्ण अवस्था
बाल विकास की सर्वाधिक दर
भावी जीवन की आधारशिला

■ महत्वपूर्ण परिभाषाएं:

● एडलर के अनुसार- जन्म के कुछ समय बाद ही यह निश्चित हो जाता है कि भावी जीवन में बालक का क्या स्थान होगा

गेसल के अनुसार -बालक प्रथम 6 वर्षों में बाद के 12 वर्षों से भी दुगना सीख जाता है

क्रो एंड क्रो के अनुसार- बीसवीं शताब्दी बालकों की शताब्दी है

● रॉस के अनुसार - शिशु कल्पना का नायक है

● सिगमंड फ्रायड के अनुसार -बालक को जो कुछ भी बना होता है वह चार पांच वर्ष की आयु में बन जाता है

● वैलेंटाइन के अनुसार -
 1 शैशवावस्था सीखने का आदर्श काल है
 2 जीवन का महत्वपूर्ण काल है


■ उपनाम :
  ◆ सीखने का आदर्श काल
  ◆ जीवन का महत्वपूर्ण काल
  ◆ भावी जीवन की आधारशिला
  ◆ संस्कारों के निर्माण की अवस्था
  ◆ अतार्किक चिंतन की अवस्था
  ◆ खिलौनों की आयु
  ◆ पराधीनता की अवस्था
  ◆ प्रिय लगने वाली अवस्था
  ◆ पूर्व प्राथमिक विद्यालय की तैयारी की अवस्था

शैशवावस्था की विशेषता

★  तीव्र शारीरिक व मानसिक विकास
★ सीखने की तीव्र गति
★  नैतिक गुणों का अभाव
★ सीमित मात्रा में कल्पना
★ जिज्ञासु प्रवृत्ति
★ अनुकरण द्वारा सीखना
★ सवेंदना द्वारा ज्ञान ग्रहण
★ भाषाई कौशलों का विकास आरंभ
★ बाह्य वातावरण का ज्ञान ना होना








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