बाल विकास के आधार- वातावरण

वातावरण--

इसके लिए पर्यावरण शब्द का भी प्रयोग किया जाता है।पर्यावरण दो शब्दों से बना है― परि + आवरण, परि का अर्थ है ― चारों ओर तथा आवरण का अर्थ― ढका हुआ।

● इस प्रकार पर्यावरण या वातावरण वह वस्तु है जो हमें चारों से ढके हुए  है   

अथार्थ

◆वायुमंडल में उपस्थित भौतिक एवं अभौतिक तत्वो का वह संगठन जो मानव जीवन पर प्रत्यक्ष/ अप्रत्यक्ष रूप से प्रभाव डालता हो वातावरण कहलाता है

★जहाँ वंशक्रम प्रभाव डालता है वहाँ वातावरण भी प्रभाव डालता है

परिभाषा

वुडवर्थ के अनुसार - वातावरण में वे सब बाह्य तत्व आ जाते हैं जिन्होंने व्यक्ति को जीवन आरंभ करने से लेकर वृद्धावस्था तक प्रभावित किया है।”

रॉस के अनुसार - वातावरण वह बाहरी शक्ति है जो हमें प्रभावित करती है

जिस्बर्ट के अनुसार - वातावरण वह हर वस्तु है जो किसी अन्य वस्तु को घेरे हुए है और सीधे उस पर अपना प्रभाव डालती है।”


वातावरण के कारक 

(1)भौतिक कारक - मनुष्य के विकास पर जलवायु का प्रभाव पड़ता है। जहां अधिक सर्दी पड़ती है या जहां अधिक गर्मी पड़ती वहाँ मनुष्य का विकास एक जैसा नहीं होता है,ठंडे प्रदेशों के व्यक्ति सुंदर, गोरे, स्वस्थ और बुद्धिमान तथा अधिक धैर्यवान होते है,जबकि गर्म प्रदेश के व्यक्ति काले,चिड़चिड़े तथा आक्रामक स्वभाव के होते हैं।

(2) आर्थिक कारक- धन से केवल सुविधाएं नहीं प्राप्त होती हैं,बल्कि इससे पौष्टिक चीजें भी खरीदी जा सकती हैं। जिससे मनुष्य का शरीर विकसित होता है,आर्थिक वातावरण मनुष्य की बौद्धिक क्षमता को भी प्रभावित करता है सामाजिक विकास पर भी इसका प्रभाव पड़ता है।

(3) सामाजिक कारक - व्यक्ति एक सामाजिक प्राणी है इसलिए उस पर समाज का प्रभाव अधिक दिखाई देता है,सामाजिक व्यवस्था, रहन-सहन ,परंपराएं, धार्मिक रीति- रिवाज, पारस्परिक अन्तः क्रिया,और संबंध आदि बहुत से तत्व है,जो मनुष्य के शारीरिक मानसिक तथा भावात्मक एवं बौद्धिक विकास को किसी न किसी ढंग से अवश्य प्रभावित करते हैं।

(4) सांस्कृतिक कारक - धर्म और संस्कृति मनुष्य के विकास को अत्यधिक प्रभावित करती है,खाने का ढंग,रहन-सहन का ढंग, पूजा पाठ का ढंग, समारोह मनाने का ढंग, संस्कार का ढंग आदि हमारी संस्कृति है।

बालक पर वातावरण का प्रभाव-

1 शारीरिक अंतर पर प्रभाव

    फ्रेंज बोन्स के अनुसार-“विभिन्न प्रजातियों के अंतर      का कारण वंशानुक्रम ना होकर वातावरण है।” 

2  मानसिक विकास का प्रभाव –

गार्डन के अनुसार-“उचित सामाजिक व सांस्कृतिक वातावरण ना मिलने पर मानसिक विकास की गति मंद पड़ जाती है।”

3 प्रजाति की श्रेष्ठता का प्रभाव-

क्लार्क के अनुसार-“कुछ प्रजातियों की बौद्धिक श्रेष्ठता का कारण वंशानुक्रम ना होकर वातावरण है।” 

4 बुद्धि पर प्रभाव-

कैंडोल के अनुसार-“बुद्धि के विकास में वंशानुक्रम की अपेक्षा वातावरण का प्रभाव कहीं अधिक पड़ता है।”

5 व्यक्तित्व पर प्रभाव-

कूले के अनुसार-“व्यक्तित्व के निर्माण में वंशानुक्रम की अपेक्षा वातावरण का अधिक प्रभाव पड़ता है।”

■ वुडवर्थ के अनुसार - व्यक्ति वंशानुक्रम अथवा  वातावरण का योग नहीं गुणनफल है

■ क्रो एंड क्रो के अनुसार-व्यक्ति का निर्माण न केवल वंशानुक्रम और ना केवल वातावरण से होता है।वास्तव में यह जैविकदाय और सामाजिकरण के विरासत के एकाकीकरण की उपज है

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