विकास और उसके सिद्धांत

विकास =


बालको की शारीरिक संरचना मै होने वाले बाह्य ओर आंतरिक परिवर्तन जिसका मापन संभव न हो विकास कहलाता है

विकास की परिभाषा =

★ जॉन डीवी- 

 शरीर के किसी अंग में होने वाला परिवर्तन अभिवृद्धि है, परन्तु समय के प्रभाव से होने वाला परिवर्तन विकास है

★ हरलॉक
विकास मे बालक नवीन विशेषताये  ओर योग्यतायें प्रकट करता है

★ जेम्स ड्रेवर
विकास एक परिवर्तनशील प्रक्रिया है, जिसमे बालक नवीन क्षमताएं अर्जित करता है

★ मुनरो
विकास बालको को गर्वावस्था से परिपक्वता की ओर अग्रसर करने वाली प्रक्रिया है

■ हरलॉक के अनुसार विकास में  4 प्रकार के     परिवर्तन होते है-

1  आकार में परिवर्तन
2 अनुपात में परिवर्तन
3  पुराने चिन्हों का लोप 
4  नए कि चिन्हों का उदय

विकास के नियम/ सिद्धान्त

1- निरन्तता का सिदान्त- 

इस नियम के अनुसार विकास एक निरन्तर चलने वाली प्रक्रिया है जो बिना रुके लगातार चलती रहती है, जबकि अभिवृद्धि एक निश्चित समय पर आकर रुक जाती है

2 - समानता का नियम- 

इस नियम के अनुसार प्रत्येक सजीव अपने सामान ही जीव उतपन्न करता है, ओर सभी मे विकास की प्रक्रिया समान रूप से होती है

3-  परस्पर संबंध का नियम- 

इस नियम के अनुसार प्रत्येक विकास परस्पर एक दूसरे से अतः संबंधित है, इन्हें एक दूसरे से अलग नही किया जा सकता
जैसे- भाषाई विकास-मानसिक विकास से  ओर गत्यात्मक विकास-शारीरिक विकास से संबंधित है

4-  दिशा का नियम- 

इस नियम के अनुसार विकास की दिशा सिर से पैर की तरफ तथा केंद्र से परिधि या अंदर से बाहर की तरफ होता है

5- गति का नियम-

इस नियम के अनुसार विकास की गति लम्बवत ना होकर सर्पिलाकार होती है

6 - मस्तबोध का नियम- 

 गर्वावस्था में शरीर निर्माण के क्रम को मस्बोध कहा जाता है, इस नियम के अनुसार गर्वावस्था में सर्वप्रथम सिर- मुँह- गर्दन-धड़-पैर का निर्माण होता है

7-  विकास पूर्वानुमेय होता है, 

8-  विकास की भविष्यवाणी संभव है- 

  समान परिस्थितियों और अनुकूल बातावरण के आधार पर विकास की भविष्यवाणी संभव है

9- केंद्रीकरण का नियम-  

इस नियम के अनुसार  बालक सर्वप्रथम शरीर के सम्पूर्ण अंग का प्रयोग करता है उसके बाद अन्य छोटे अंगों का प्रयोग करता है

10- सामान्य से विशिष्टता का नियम-

  इस नियम के अनुसार बालक सर्वप्रथम सामान्य क्रिया करता है उसके बाद विशिष्ट क्रिया करता है

11- व्यक्तिगत भिन्नता का नियम- 

इस नियम के अनुसार प्रत्येक सजीव में विकास की दर अलग अलग होती है

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